शुक्रवार, 10 मई 2013

जयपुर की बेटियों के कत्लेआम की उद्योग अनिल हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन। राजस्थान मेंडिकल कांउसिल से लाईसेंस रद्द करने की मांग।



दिनांक 10 मई 2013 को शाम 5.45 बजे से  लिंग जांच एवं कन्या भू्रण हत्या विरोधी जन अभियान की ओर से अनिल हॉस्पिटल, खरबूजा मंण्डी के बाहर जम कर प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों का मानना था कि पिछले 2 दशक से भी अधिक वर्षों से डॉ  अनिल कुमार लिंग जांच एवं बेटियों के कत्लेआम की एक उद्योग चला रहे थे और उनकी चुनौति थी कि उन्हें कोई भी कभी नहीं पकड सकता है। 2 मई 2013 को एक स्टिंग ऑपरेसन  में 15000/- -रूपये में लिंग जांच करते हुए रंगे हाथों पकडे गये। डॉ अनिल कुमार अभी जयपुर के केन्द्रीय कारागाह में है और उनकी जमानत के आवेदन निचली अदालत से खारिज हो गई है। 

सभी ने मांग की डॉ अनिल कुमार का लाईसेंस राजस्थान मेडिकल कांउसीयल द्वारा पूर्ण रूप से रद्द किया जाना चाहिये और यह भी मांग की राज्य सरकार कानूनी लडाई में बिल्कुल भी कोताई ना बरते जिससे डॉ अनिल कुमार को सख्त से सख्त सजा हो। 



प्रदर्शनकारी जिसमें डॉ नरेन्द्र गुप्ता, कविता श्रीवास्तव, निशात हुसैन, अनिता माथुर, राजन चोधरी, कमल टांक, भँवर लाल कुमावत, कृष्णा एवं विद्यी अध्ययन के छात्र-छात्राओं ने अपने प्रदर्शन के जरिए मौहल्ले मे अपील की कि सभी डॉ अनिल कुमार, पूरे स्टाफ व अस्पताल का सामाजिक बहिष्कार करे। मौहल्ले वालों में से अनेक लोग सामने आये और उन्होंने डॉ अनिल कुमार की कारगुजारी का खुलासा किया व अपने व अपने परिवार के साथ हुये धौके को अपनी जुबानी रखा।   

बुधवार, 24 अप्रैल 2013

पी यू सी एल राजस्थान द्वारा द्वितीय सुश्री हेमलता प्रभू मेमोरियल व्याख्यान



कला, शिक्षा व नागरिकता

द्वितीय सुश्री हेमलता प्रभू मेमोरियल लेक्चर दिनांक 23 अप्रेल, 2013 को सांय 5.45 बजे से रंगायन हॉल, जवाहर कला केन्द्र, जे.एल.एन. मार्ग, जयपुर में किया | इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता मल्लीका साराभाई, विश्वविख्यात नृत्यागना रहेंगी जो ‘‘कला, शिक्षा व नागरिकता’’ शिर्षक पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। व्याख्यान माला की पहली कड़ी में एन.एस.डी. की प्रोफेसर त्रिपुरारी शर्मा ने व्याख्यान दिया। 



व्याख्यान माला की दूसरी कड़ी में अपनी बात रखते हुए मल्लीका साराभाई ने कहा कि वे हमेशा अपनी कला एवं काम को शिक्षा के क्षेत्र व महिला सशक्तिकरण के दायरे में देखती है। 30 वर्ष से ज्यादा दर्पणा एकेडमी के मंच से उन्होंने कला के हर स्तर को बढाने की कोशिश की है चाहे वह शास्त्रीय हो या वर्तमान हो। 1989 में उन्होंने अपना ‘‘शक्ति-दा पावर ऑफ वूमन’’ नाट्क से सामाजिक बदलाव की ओर काम करना शुरू किया व मध्य 90 के दशक में उन्होंने अपनी ही परिभाषा नृत्य को दी जिसमें न्याय, समानता, कला, खुबसूरती, स्थेटीक्स इत्यादि में एक समग्रता लाते हुए विश्वभर में अपने काम को फैलाया। इसी क्रम में जब गुजरात में 2002 में कत्लेआम हुआ उनके लिए सहज था कि वे न्याय के लिए खड़े हो और अपनी कला से नफरत की राजनिती से ऊपर लोगों को उठाये। इसी तरह 2009 का चुनावी संघर्ष एक सत्याग्रह था। बस एक ही विश्वास है कि कला ही सिर्फ एक माध्यम है जिससे बदलाव आयेगा। 

व्याख्यान में विशेष टिप्पणी प्रो. लोकनाथन, भौतिक विज्ञान (सेवानिवृत्त, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर) की होगी, जो सुश्री हेमलता प्रभू को लम्बे समय से जानते थे। ने कहा कि वे 1969 से सुश्री हेमलता प्रभू एवं उनकी साथी सुश्री कृष्णा तरवे कोे जानते थे। उन्होंने कहा कि सुश्री प्रभू जयपुर 1944 अपने पिता के साथ छुट्टीयां मनाने आई थी और उन्होंने जयपुर शहर को अपना लिया और जयपुर को एक अनूठी नागरिक प्राप्त हुई जिसने अपना पूरा जीवन कला, शिक्षा और जिम्मेदार नागरिक स्थापित करने में समर्पित किया। 

व्याख्यान में विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा रॉय, शिक्षाविद शारदा जैन, अनेक छात्र/छात्राऐं एवं अनेक महिला आंदोलन की कार्यकर्ताये शामिल हुई।  


प्रदर्शनी का उदघाटन 

व्याख्यान से पूर्व 4.30 बजे सुक्रीती कला दिर्घा जवाहर कला केन्द्र में बोध शिक्षा समिति, दिगंतर एवं विहान द्वारा चलाये जा रहे विद्यालयों के बच्चों द्वारा बनाई गई चित्रकला की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। कुल 125 कलाकृतियां 92 बच्चों द्वारा बनाई गई थी, जिसमें लकड़ी के खिलौने, टेराकोटा का कार्य, पेपर मेरसी, ग्लास पेन्टींग, कॉर्लाज, क्राफ्ट कार्य है जिन्हें प्रदर्शीत किया। 



यह प्रदर्शनी क्यों?  सुश्री हेमलता प्रभू आरंभ से ही वंचित वर्ग के सभी बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध थीं। उन्होंने 1989 से वंचित बच्चों की शिक्षा के लिए जयपुर के अन्य साथियों के साथ बोध शिक्षा समिति की स्थापना की। सुश्री प्रभू का ताल्लुक इन बच्चों के संग वैसा ही था जैसे उन्होंने महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल, महारानी कॉलेज व कॉनोडिया कॉलेज की छात्राओं के साथ बनाया था। उनकी एक ही चाह थी कि इन बच्चों के लिए भी सबसे उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त हो। आज बोध शिक्षा समिति अलवर के थानागाजी में दूरदराज की ग्रामीण लड़कियों के लिए आवासीय विद्यालय चला रही है व कूकस में जयपुर शहर के गरीब बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय चला रही है व जयपुर की ढेरांे कच्ची बस्तियों में सरकारी विद्यालय में शिक्षकों व छात्रों के साथ लगातार शैक्षणिक हस्तक्षेप का कार्य कर रही है।  

दिगंतर शिक्षा एवं खेलकूद समिति जो पिछले 23 वर्षो से जगतपुरा के भावगढ़ व रतवाली में पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए विद्यालय चला रही है। जयपुर शहर के हाशिए से सटे इन गांवों में बालिका शिक्षा की स्थिति में सुधार की दिशा में दिगंतर ने महत्वपूर्ण कार्य किया है और अब इन इलाकों में जहां पहले बालिकाएं स्कूल तक नहीं जाती थीं वे अब महाविद्यालयों तक शिक्षा प्राप्त करने की पहल कर रही हैं। दिगंतर के दोनों स्कूलों के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा में बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए व बच्चों का संपूर्ण विकास कैसे हो, इसकी बुनियादी समझ निकलती है।

वहीं विहान संस्थान जयपुर की त्रिवेणी नगर की कच्ची बस्ती में पिछले 10 वर्षो से शिक्षा से वंचित 200 बच्चों के लिए एक प्रायोगिक विद्यालय चला रहा है। विहान का लक्ष्य है कि समाज के वंचित वर्ग के बच्चों को विकास के समान अवसर प्राप्त हों और वे शिक्षा के जरिए समाज में सम्मानजनक स्थान हासिल कर पाएं।




इन सभी संस्थाओं में कला को संपूर्ण विकास के लिए असरदार अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में देखती हैं। आज के इस अवसर पर सुश्री हेमलता प्रभू की स्मृति में इन तीनों विद्यालयों के बच्चों द्वारा बनाए गए चित्रों की एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। बच्चों द्वारा बनाए गए चित्र उनकी इस समझ की सशक्त प्रस्तुति है। आज की यह प्रदर्शनी सुश्री हेमलता प्रभू को समर्पित है।

सुश्री हेमलता प्रभू के बारे में:- सुश्री हेमलता प्रभू चैन्नई में पली-बढी लेकिन उन्होंने अपना पूरा जीवन जयपुर व राजस्थान को दिया। कला, शिक्षा व नागरिकता के क्षेत्र में उनका अभूतपूर्व योगदान रहा । जयपुर में महिला शिक्षा की स्थापना में अग्रणी रही व 20 वर्ष (1945-66), महारानी कॉलेज में अंग्रेजी की प्राध्यापिका रही । 1966 मंे कॉनोडिया कॉलेज की स्थापना की व 1982 तक कार्य किया। वह राजस्थान में पहली  नाट्य निर्देशीका रही व  नाट्य निर्देशन के क्षेत्र में अदभूत काम किया। राजस्थान में महिला आंदोलन की स्थापना व सती प्रथा के विरूद्ध आंदोलन का नेतृत्व किया। मानवाधिकार संस्थान पी.यू.सी.एल. की राजस्थान ईकाई की सहसंस्थापिका रही व 2006 में देहान्त हुआ।

कला, शिक्षा व नागरिकता का मंच क्यों? सुश्री हेमलता प्रभु, के साथ जुडे यह तीन शब्द कला, शिक्षा व नागरिकता, जो आमतौर से एक लगते हैं, इन तीनों को अपने में समेटे हुए थीं। वे एक शिक्षक थीं जो कला एवं मंच से जुड़ी रहीं और उनका मानव अधिकार की लड़ाई से भी गहरा रिश्ता था। एक व्यक्तित्व जो इन तीन चीजों को समेटे हुए था वह आज हमारे लिए एक प्रेरणा का स्रोत तो हैं ही। इस तरह के व्यक्तित्व और इन तीन शब्दों को एक साथ सोचने के लिए यह आज का दिन ज्यादा खास है। खास इसलिए कि आज हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जहां हमने हर चीज को बहुत बांट दिया है। हमने केवल धर्म को ही नहीं बांटा, हमने हर किसी को खेमे में बांट दिया है। उसको समग्रता में पूनः लाने के लिए यह मंच कार्यरत है। 

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

बुधवार, 20 फ़रवरी 2013

घरेलू महिला कामगार यूनियन की विशाल जनसुनवाई


25 फरवरी 2013 से सघन आंदोलन का ऐलान

समर्थन में आये सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा रॉय, विधायक प्रताप सिंह खाचरियवास, महापौर ज्योति खण्डेलवाल, बाल आयोग अध्यक्ष दीपक कालरा व अनेक सामाजिक संगठन



सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अरूणा रॉय, महिला कामगार यूनियन की सचिव मेवा भारती, पी.यू.सी.एल. के अध्यक्ष श्री प्रेमकृष्ण शर्मा, महिला संगठन की रेणुका पामेचा, निशात हुसैन इत्यादि के नेतृत्व में हजारों की संख्या में जयपुर की घरेलू महिला कामगार यूनियन आज जयपुर के उद्योग मैदान मे जुटी। दुनिया के मजदूर हम एक है, सबको राशन दो, पेंसन दो, अशोक गहलोत होश में आओ, सामाजिक सुरक्षा कानून तुरंत लाओं, मेहनतकश  की मजदूरी बढ़ाओं, जयपुर पुलिस होश  में आओ, बहन-बेटियों को सुरक्षा दिलवाओं, के नारे लगाते हुए दिनभर जनसुनवाई आयोजित हुई।

पुरजोर शब्दों में उन्होंने कहा कि वे लोग लम्बे समय से जयपुर में रह रहे है और दिन-रात मेहनत से इस शहर के घर-घर को साफ रखती है, बच्चें पालती है, फिर भी उन्हें जयपुर शहर और प्रशासन न बाहरी मानता है, और तो और क्योंकि वे बंगाल से है, उन्हें बंगलादेशी  कह कर उनकी इज्ज़त, उनकी मेहनत  एवं उनके खून-पसीने के श्रम और पहचान को ध्वस्त कर दिया जाता है। 

नाराज़गी जताते हुए हीरन बर्मन, शीतल चैधरी, सोहनी देवी, गीरू बाला, संतोष व मीनू ने बताया बताया कि कैसे इनकी मजदूरी, न्यूयोक्त काट लेते है। उन्हें चोरी के इल्जाम में पुलिस के हवाले कर दिया जाता है जब वे अपनी मेहनत का दाम मांगती है । वे और उनकी बेटियां घरों में असुरक्षित रहती है, जब वे पुलिस के पास जाते है तो पुलिस उन्हीं को थाने के बाहर भगा देता है। ना कोई पहचान पत्र, ना राशनकार्ड, ना कोई सामाजिक सुरक्षा, ना बुजुर्ग को पेंसन, ना बस्तियों में आंगनबाड़ी, ना पानी, ना बिजली, ना बस्तियों की सफाई हर तरह से उन्हें दोयम दर्जें का इंसान के रूप में उन्हें जीना पड़ता है। 

सबसे ज्यादा गुस्सा पुलिस के रवैये से था, 14 वर्षिय माधवी दास 25 जनवरी 2013 से लापता है। उसके परिवार को आये 8 दिन भी नहीं हुये थे। जिस घर में वह काम कर रही थी वहां से गायब कर दिया गया और वैशाली  नगर थाना की पुलिस व ए.सी.पी. आज दिन तक उस परिवार को आरोपी नहीं मान रही है। एफ.आई.आर. तक दर्ज नहीं की गई। इसी तरह ब्यूटी व पूजा बर्मन पिछले 24 घण्टे से लापता है और उन्हें मोती डूंगरी थाने की पुलिस कहती है कि ‘‘तुम अपनी बेटियों को ढूंढ़ लो’’। कोमल, सांत्वना व रोशन ने बताया कि कैसे वे अपनी मां के काम में घर-घर जाकर हाथ बटाती है उसके बाद स्कूल भी जाती है। अक्सर उन्हें गलत निगाहें एवं मारपीट सहनी पड़ती है। उन्होंने पूछा क्या गरीब के घर की लड़कियां इंसान नहीं है।  

राजस्थान राज्य बाल आयोग अध्यक्ष श्रीमती दीपक कालरा एवं सदस्य गोविन्द बेनिवाल ने बताया कि माधवी दास के मामले में नियुक्ता दारू के ठेकेदार के खिलाफ 2 एफ.आई.आर. दर्ज करने की सिफारिश  पुलिस को भेजी। क्योंकि माधवी दास केवल 14 वर्ष की है और राजस्थान बाल श्रम के नियमों के तहत 18 साल से कम श्रमिक को नौकरी नहीं दी जा सकती है। साथ ही लड़की लापता उनके घर से हुई तो इसलिए एफ.आई.आर. एवं गिरफ्तारी तुरंत होनी चाहिए। उन्होंने 'शिक्षा के अधिकार कानून के तहत महिलाओं को बोला कि अगर कहीं भी उन्हें 25 प्रतिशत  गरीबों के लिए आरक्षीत कोटे में उनके बच्चों को प्रवेश  नहीं मिले तो वे उनके पास आयें वे करायेंगे। उन्होंने जोर दिया कि सबसे पहली सुरक्षा बच्चियों  के लिए ’शिक्षा  है। 

घरेलू कामगार बहनों को सुनने और समर्थन देने पहुचें थे सिविल लाईंस ईलाके के विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास, जिन्होंने  कहा कि ‘‘वे हर परिवार को राशन कार्ड दिलवायेंगे और बुजुर्ग महिला को पेंसन’’, उन्होंने वहां बैठे उपजिला रसद अधिकारी को बोला कि जो 6 हजार कामगार यूनियन की महिलाओ ने राशन कार्ड के आवेदन दिये थे उन्हेंराशन कार्ड उपलब्ध करवाया जाये। जिसके जवाब में उपजिला रसद अधिकारी ने आ’वासन दिया कि एक महिने के अंदर सबको वे राशन कार्ड  बनवा कर देंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन  दिया कि वे विधान सभा में घरेलू कामगार महिलाओं के मुद्दे उठायेंगे। 

जयपुर पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे डी.सी.पी. दक्षिण, डेन.के. जोस,  ने भरोसा दिया कि महिलायें पुलिस पर भरोसा रखे। वे उनकी नाराजगी को समझ रहे थे और उन्होंने वायदा किया कि पुलिस महकमे में पुलिस ट्रेनिंग के तहत हर स्तर के पुलिस कर्मचारी को जनता का दोस्त बनना होगा ना कि बोस । उन्होने लापता हुई लड़कियों के मामले को लेकर कहा कि वे तत्काल उसे देखेंगे। साथ ही जिन थानों में कामगार महिलाओ की पिटाई हुई थी जैसे वैशाली  नगर थाना, उसकी भी जांच के लिए राय देगे।

जयपुर की महापौर ज्योति खण्डेलवाल ने महिला कामगार बहनों को कहा कि वे एक औरत होने के नाते उनके दुख और संघर्षो को समझ सकती है और उन्होंने कहा कि वे लोग कभी भी अपनी समस्या लेकर उनसे मिलने आ सकते है और उन्होंने अपना फोन नं. 2311112 सबको दिया और कहा कि इस नम्बर पर ’शिकायत  दर्ज करवा सकते है कभी भी। श्रीमती अरूणा रॉय  के कहने पर सुनवाई के अधिकार कानून के तहत सभी आवेदनों पर कार्यवाही होनी चाहिये और बस्ती-बस्ती में, हर वार्ड में, हर जोन  में बने नगर निगम के दफ्तरों के बाहर कलर पेन्ट से टेलिफोन व जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारीयों के नम्बर लिखे होने चाहिये व ’शिकायत  की रसीद मिलनी चाहिये। जिस पर महापौर ने आ’वासन दिया कि वे जरूर जयपुर नगर निगम की जवाबदेही की प्रक्रिया को सम्पूर्ण रूप से पारदर्शी  बनायेंगी।  

श्रीमती अरूणा रॉय  ने घरेलू कामगार यूनियन की ताकत को सराहना की व उनके संघर्ष में अपना साथ देने का वायदा किया। उन्होंने राज्य के मंत्रियों व अधिकारियों को ललकारा और कहा कि जिस मजदूर के बलबूते घर और समाज चलता है अगर उसके श्रम को इज्जत नहीं होगी तो वो घर समाज खोखला हो जायेगा। उनके मूलभूत अधिकारों की गांरटी पर जोर दिया। 

घरेलू कामगार महिलाओं का एक दल मजदूर नेता हरकेश बुगालिया व उच्चतम न्यायालय के आयुक्त सलाहकार  अशोक  खण्डेलवाल के साथ मुख्य सचिव सी.के. मैथ्यू से मिले जिन्होंने सामाजिक सुरक्षा कानून बजट सत्र में लाने का वायदा किया व कामगार महिलाओं के मूलभूत सुविधाऐं जैसे राशन,  पहचान पत्र इत्यादि को लेकर प्राथमिकता से गौर करेगे। 

बैठक का संचालन महिला कामगार यूनियन की मेवा भारती एवं पी.यू.सी.एल. राजस्थान की महासचिव कविता श्रीवास्तव ने की। 

गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

महिला हिंसा के विरूद्ध उमड़ते 100 करोड़ के जयपुर आयोजन में राज्यपाल श्रीमती माग्रेट अल्वा सहित


सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अरुणा रॉय, जयपुर मेयर श्रीमती ज्योति खण्डेलवाल, महिला आयोग की अध्यक्षा डॉ. लाड़ कुमारी जैन, जयपुर कलेक्टर श्री रविकांत एवं आयुक्त बी.एल. सोनी, पत्रकार श्रीपाल शख्तावत व स्कूल व कॉलेजो के अनेको छात्र/छात्रायें की भागीदारी।





राजस्थान की प्रथम नागरिक, राज्यपाल श्रीमती माग्रेट आल्वा ने आज उद्योग मैदान, स्टेच्यू सर्किल, जयपुर पर आज 7000 से ज्यादा स्कूल और कॉलेज के युवा, पुलिस अधिकारी, महिला पंच सरपंच, साथिने, आंगनबाडी कार्यकर्ता, कच्ची बस्ती से मुसलमान व दलित महिलायें, षिक्षक, कर्मचारी, प्रषासक, सभी को आज शपथ दिलाई कि :-

  • मैं महिलाओं तथा लड़कियों के प्रति किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करूंगा/करूंगी|
  • मैं किसी भी व्यक्ति खासतौर से महिलाओं व लड़कियों के प्रति हिंसात्मक आचरण नहीं करूंगा/करूंगी|
  • मैं अपने साथ हिंसा होने पर चुप न हीं रहूंगा/रहूंगी|
  • मैं किसी भी महिला/लड़की के साथ हिंसा होने पर उसका पुरजोर विरोध करूंगा/करूंगी|


उन्होंने कहा कि ‘‘मै भी अपनी आवाज़ मिलाने आप सबके साथ आई हूँ क्योंकि मैं भी चाहती हूं कि इस धरती से महिलाओं पर हो रही हिंसा खत्म हो जाये।’’ यह वक्तव्य आज 14 फरवरी, 2013 को उमडते 100 करोड़ अभियान के जयपुर कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा दिया गया। विष्वभर में हो रहे कार्यक्रमों मे जयपुर की कड़ी बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इस आयोजन में 20 स्कूलों और कॉलेजो से करीब 4000 छात्र/छात्रायें, 2000 से अधिक पंच-सरपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सबला समूह की किषोरियां, कच्ची बस्ती की महिलायें पुलिस के जवान, अधिकारी व 1000 से अधिक अलग-अलग यूनियनों, सचिवालय का कर्मचारी, अधिकारी व घरेलू कामगार यूनियन सहित लोग पहुंचे थे । इस तरह का मिला-जुला कार्यक्रम जिसमें राज्य व जिले के उच्चअधिकारीगण व छात्र, सामाजिक संगठन शामिल हुये हो वह कम जगह देखा गया।    

उमंग स्कूल, सेन्ट एनजल्म स्कूल, नोर्थ सिटी, निवारू रोड, महाराजा सवाई सिंह स्कूल, संस्कार स्कूल, सेन्ट एन्जेला सोफिया स्कूल, स्टेप बाई स्टेप, सवाई भवानी सिंह स्कूल, एस.वी. पब्लिक स्कूल, गांधी नगर स्कूल, कॉनोडिया कॉलेज, महावीर पब्लिक स्कूल, सेन्ट माईकल स्कूल, सेन्ट वील्डफ्रीड स्कूल, महिला पॉलीटेकनिक कॉलेज, वैदिक कन्या कॉलेज, जे.एन.यू. कॉलेज, अहग्रान स्कूल व कॉलेज, सेन्ट जेवियर स्कूल के छात्र/छात्राओं ने गीत, संदेष, नाच, कविता, नारे के ताने-बाने से यह कार्यक्रम बुना व तय किया कि वे दुनिया बदल के रहेंगे। 

सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अरुणा रॉय ने सम्बोन्धित करते हुए कहा कि जब तक समाज में भेदभाव बना रहेगा महिला हिंसा समाप्त नहीं हो सकती और हमें अपनी आजादियां छीन कर लेनी होगी। चाहे वह घुमने-फिरने की आजादी हो या काम करने की आजादी हो। जयपुर की मेयर श्रीमती ज्योति खण्डेलवाल ने कहा कि सब महिलाओं को शुरूआत अपने आप से करनी होगी। जब तक निर्णय लेने वाली संस्थाओं में महिलाये जीत कर नहीं पहुंचेगी हिंसा बन्द नहीं होगी। महिला आयोग की अध्यक्षा डॉ. लाड़ कुमारी जैन ने कहा कि महिला आयोग हर लड़की के लिए दिन-रात खडा हुआ है। जयपुर कलेक्टर श्री रविकांत एवं आयुक्त बी.एल. सोनी दोनो ने कहा कि सुरक्षित घर व सुरक्षित शहर का उद्देष्य तभी कायम हो सकता है जब महिला सुरक्षित हो। जिला कलेक्टर ने हर लड़की को कहा कि वे हमेषा खड़े होंगे उन सभी के साथ जो विरोध का स्वर उठाने को तैयार होंगे। पत्रकार श्रीपाल शख्तावत ने कहा कि अब वक्त विचार करने का नहीं है क्योंकि हर पल इस देष में बेटियों को जन्म नहीं लेने दिया जा रहा है। नौजवान पीढ़ी इसको बदल सकती है। तभी महिला के खिलाफ हिंसा समाप्त होगी। संस्कार स्कूल की प्राचार्य डॉ. रमा दत, राजस्थान विष्वविद्यालय का भूतपूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राजावत, 20 साल से न्याय के लिए संघर्षरत महिला भंवरी देवी, कनोडिया कॉलेज की अध्यक्षा सुदेषना, घरेलू कामगार यूनियन की झूरमल अधिकारी, सचिवालय कर्मचारी यूनियन के षिव शंकर अग्रवाल, अधिकारी यूनियन के पूरन झरीवाल सभी ने अपनी बात रखी। 

कार्यक्रम की शुरूआत राखी द्वारा राजस्थान व जयपुर जिला का घटता लिंगानुपात के डरावने आंकड़े से शुरू किया व चेताया कि हम बहुत ही जल्दी हरियाणा बन जायेगे इसे रोका नही । कार्यक्रम का संयोजन शबनम अजीज व निषा सिद्धू ने किया। 





उमड़ते 100 करोड़ का कार्यक्रम राजस्थान में अजमेर शहर व अजमेर जिला (तिलोनिया, किशनगढ़), पाली, झालावाड़, प्रतापगढ़, राजसंमद के भीम व नाथद्वारा, उदयपुर, जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, जालौर, मकराना, नागौर, कोटा, दौसा, सवाई माधोपुर, बांरा, चित्तौडगढ, चूरू, अलवर, डूंगरपुर, टोंक, जयपुर  इत्यादि 20 से ज्यादा जिलो में कार्यक्रम हुये। जगह-जगह रैली, प्रदर्षन, संगोष्ठी इत्यादि आयोजित की गई। 

उमड़ते 100 करोड़ के जयपुर व राजस्थान कड़ी के कार्यक्रम को सिर्फ एक इवेन्ट के रूप में नहीं देखा जा रहा है बल्कि यह कार्यक्रम महिला हिंसा मुक्त समाज को बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में है। आगामी 8 मार्च 2013 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन हमारा अगला पड़ाव होगा। 


बुधवार, 13 फ़रवरी 2013

लड़कियों/औरतों पर हो रही हिंसा के खिलाफ खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा हस्ताक्षर अभियान शुरू हुआ।

दिनांक 13 फरवरी, 2013 को प्रातः 9 बजे से खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर एवं वन बिलीयन राईजिंग के बैनर तले लड़कियों व औरतों पर हो रही हिंसा के खिलाफ अपने खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र, टोडीरमजानीपुरा, जगतपुरा में शपथ हस्ताक्षर अभियान शुरू किया। जिसमें महिलाओं, लड़कियों व पुरूषों ने सैकडो की तादाद में हस्ताक्षर किये। कई पुरूषों ने धन्यवाद दिया कि यह अभियान बहुत अच्छा चला रहे है। सभी प्रतिनिधियों ने शपथ लेकर ही हस्ताक्षर किये शपथ है:- 

  • मैं महिलाओं तथा लड़कियों के प्रति किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करूंगा/करूंगी। 
  • मैं किसी भी व्यक्ति खासतौर से महिलाओं व लड़कियों के प्रति हिंसात्मक आचरण नहीं करूंगा/करूंगी। 
  • मैं अपने साथ हिंसा होने पर चुप न हीं रहूंगा/रहूंगी।
  • मैं किसी भी महिला/लड़की के साथ हिंसा होने पर उसका पुरजोर विरोध करूंगा/करूंगी। 


दिनांक 14.02.2013 को लड़कियों/औरतों पर हो रही हिंसा के खिलाफ ग्रीनवुड़, आशियाना अपार्टमेन्ट में रह रहे लोगों द्वारा सांय 6 बजे पोस्टर कम्पीटीशन आयोजित करेंगे। 











भँवर लाल कुमावत (पप्पू) 
(एस.एच.पी.-समन्वयक) 
खेजड़ी स्वास्थ्य केन्द्र, जगतनपुरा, जयपुर 
9887158183 

बुधवार, 16 जनवरी 2013

गैर सरकारी विद्यालय के बच्चों को विडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में अवगत करवाना।


आईडियल पब्लिक स्कूल खोनागोरियान
खेजड़ी सर्वोदय जनरल हैल्थ एवं आई केयर सेन्टर के भँवर लाल कुमावत, विद्यालय स्वास्थ्य शिक्षा समन्वयक द्वारा दिनांक 16 जनवरी, 2013 को नवज्योति पब्लिक स्कूल उदयपुर गिलारिया एवं आईडियल पब्लिक स्कूल खोनागोरियान में कक्षा 3 से 8 तक के छात्र/छात्राओं को स्वास्थ्य शिक्षा जैसे हैल्थ हाईजिन एवं हाथ धोने की प्रक्रिया के बारे में विडियों प्रोजेक्टर के माध्यम से लगभग दोनों विद्यालय के 140 बच्चों के साथ चर्चा की जिसमें बच्चों ने बड़े ही मजे से विडियों देखे और सवाल-जवाब किये। बच्चों को विडियों के माध्यम से जो बातें बताई जाती है वह उनको उतनी ही जल्दी पकड़ते है और सिख पाते है। इसी दौरान विद्यालयें के अध्यापकगणों से भी बातचीत हुई की यह विडियो प्रोजेक्ट की प्रक्रिया कैसी लगी क्या बच्चें स्वाथ्य के बारे मे जान पायेंगे इसी माध्यम से तो सभी अध्यापकों का कहना था कि यह प्रक्रिया बहुत ही लुभावनी और आसानी से बच्चों को सीखाने की प्रक्रिया 80 प्रतिशत तक सफल होयेगी। विडियो के माध्यम से बच्चे हर बात को गोर से देखते है और सवाल करने की कोशिश करते है। 
नवज्योति पब्लिक स्कूल उदयपुर गिलारिया

                                                                                   
                                                                                                भँवर लाल कुमावत
                                                                                              समन्वयक, स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम