दिनांक 10 मई 2013 को शाम 5.45 बजे से लिंग जांच एवं कन्या भू्रण हत्या विरोधी जन अभियान की ओर से अनिल हॉस्पिटल, खरबूजा मंण्डी के बाहर जम कर प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों का मानना था कि पिछले 2 दशक से भी अधिक वर्षों से डॉ अनिल कुमार लिंग जांच एवं बेटियों के कत्लेआम की एक उद्योग चला रहे थे और उनकी चुनौति थी कि उन्हें कोई भी कभी नहीं पकड सकता है। 2 मई 2013 को एक स्टिंग ऑपरेसन में 15000/- -रूपये में लिंग जांच करते हुए रंगे हाथों पकडे गये। डॉ अनिल कुमार अभी जयपुर के केन्द्रीय कारागाह में है और उनकी जमानत के आवेदन निचली अदालत से खारिज हो गई है।
सभी ने मांग की डॉ अनिल कुमार का लाईसेंस राजस्थान मेडिकल कांउसीयल द्वारा पूर्ण रूप से रद्द किया जाना चाहिये और यह भी मांग की राज्य सरकार कानूनी लडाई में बिल्कुल भी कोताई ना बरते जिससे डॉ अनिल कुमार को सख्त से सख्त सजा हो।
प्रदर्शनकारी जिसमें डॉ नरेन्द्र गुप्ता, कविता श्रीवास्तव, निशात हुसैन, अनिता माथुर, राजन चोधरी, कमल टांक, भँवर लाल कुमावत, कृष्णा एवं विद्यी अध्ययन के छात्र-छात्राओं ने अपने प्रदर्शन के जरिए मौहल्ले मे अपील की कि सभी डॉ अनिल कुमार, पूरे स्टाफ व अस्पताल का सामाजिक बहिष्कार करे। मौहल्ले वालों में से अनेक लोग सामने आये और उन्होंने डॉ अनिल कुमार की कारगुजारी का खुलासा किया व अपने व अपने परिवार के साथ हुये धौके को अपनी जुबानी रखा।
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