सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अरुणा रॉय, जयपुर मेयर श्रीमती ज्योति खण्डेलवाल, महिला आयोग की अध्यक्षा डॉ. लाड़ कुमारी जैन, जयपुर कलेक्टर श्री रविकांत एवं आयुक्त बी.एल. सोनी, पत्रकार श्रीपाल शख्तावत व स्कूल व कॉलेजो के अनेको छात्र/छात्रायें की भागीदारी।
राजस्थान की प्रथम नागरिक, राज्यपाल श्रीमती माग्रेट आल्वा ने आज उद्योग मैदान, स्टेच्यू सर्किल, जयपुर पर आज 7000 से ज्यादा स्कूल और कॉलेज के युवा, पुलिस अधिकारी, महिला पंच सरपंच, साथिने, आंगनबाडी कार्यकर्ता, कच्ची बस्ती से मुसलमान व दलित महिलायें, षिक्षक, कर्मचारी, प्रषासक, सभी को आज शपथ दिलाई कि :-
- मैं महिलाओं तथा लड़कियों के प्रति किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करूंगा/करूंगी|
- मैं किसी भी व्यक्ति खासतौर से महिलाओं व लड़कियों के प्रति हिंसात्मक आचरण नहीं करूंगा/करूंगी|
- मैं अपने साथ हिंसा होने पर चुप न हीं रहूंगा/रहूंगी|
- मैं किसी भी महिला/लड़की के साथ हिंसा होने पर उसका पुरजोर विरोध करूंगा/करूंगी|
उन्होंने कहा कि ‘‘मै भी अपनी आवाज़ मिलाने आप सबके साथ आई हूँ क्योंकि मैं भी चाहती हूं कि इस धरती से महिलाओं पर हो रही हिंसा खत्म हो जाये।’’ यह वक्तव्य आज 14 फरवरी, 2013 को उमडते 100 करोड़ अभियान के जयपुर कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा दिया गया। विष्वभर में हो रहे कार्यक्रमों मे जयपुर की कड़ी बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इस आयोजन में 20 स्कूलों और कॉलेजो से करीब 4000 छात्र/छात्रायें, 2000 से अधिक पंच-सरपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सबला समूह की किषोरियां, कच्ची बस्ती की महिलायें पुलिस के जवान, अधिकारी व 1000 से अधिक अलग-अलग यूनियनों, सचिवालय का कर्मचारी, अधिकारी व घरेलू कामगार यूनियन सहित लोग पहुंचे थे । इस तरह का मिला-जुला कार्यक्रम जिसमें राज्य व जिले के उच्चअधिकारीगण व छात्र, सामाजिक संगठन शामिल हुये हो वह कम जगह देखा गया।
उमंग स्कूल, सेन्ट एनजल्म स्कूल, नोर्थ सिटी, निवारू रोड, महाराजा सवाई सिंह स्कूल, संस्कार स्कूल, सेन्ट एन्जेला सोफिया स्कूल, स्टेप बाई स्टेप, सवाई भवानी सिंह स्कूल, एस.वी. पब्लिक स्कूल, गांधी नगर स्कूल, कॉनोडिया कॉलेज, महावीर पब्लिक स्कूल, सेन्ट माईकल स्कूल, सेन्ट वील्डफ्रीड स्कूल, महिला पॉलीटेकनिक कॉलेज, वैदिक कन्या कॉलेज, जे.एन.यू. कॉलेज, अहग्रान स्कूल व कॉलेज, सेन्ट जेवियर स्कूल के छात्र/छात्राओं ने गीत, संदेष, नाच, कविता, नारे के ताने-बाने से यह कार्यक्रम बुना व तय किया कि वे दुनिया बदल के रहेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अरुणा रॉय ने सम्बोन्धित करते हुए कहा कि जब तक समाज में भेदभाव बना रहेगा महिला हिंसा समाप्त नहीं हो सकती और हमें अपनी आजादियां छीन कर लेनी होगी। चाहे वह घुमने-फिरने की आजादी हो या काम करने की आजादी हो। जयपुर की मेयर श्रीमती ज्योति खण्डेलवाल ने कहा कि सब महिलाओं को शुरूआत अपने आप से करनी होगी। जब तक निर्णय लेने वाली संस्थाओं में महिलाये जीत कर नहीं पहुंचेगी हिंसा बन्द नहीं होगी। महिला आयोग की अध्यक्षा डॉ. लाड़ कुमारी जैन ने कहा कि महिला आयोग हर लड़की के लिए दिन-रात खडा हुआ है। जयपुर कलेक्टर श्री रविकांत एवं आयुक्त बी.एल. सोनी दोनो ने कहा कि सुरक्षित घर व सुरक्षित शहर का उद्देष्य तभी कायम हो सकता है जब महिला सुरक्षित हो। जिला कलेक्टर ने हर लड़की को कहा कि वे हमेषा खड़े होंगे उन सभी के साथ जो विरोध का स्वर उठाने को तैयार होंगे। पत्रकार श्रीपाल शख्तावत ने कहा कि अब वक्त विचार करने का नहीं है क्योंकि हर पल इस देष में बेटियों को जन्म नहीं लेने दिया जा रहा है। नौजवान पीढ़ी इसको बदल सकती है। तभी महिला के खिलाफ हिंसा समाप्त होगी। संस्कार स्कूल की प्राचार्य डॉ. रमा दत, राजस्थान विष्वविद्यालय का भूतपूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राजावत, 20 साल से न्याय के लिए संघर्षरत महिला भंवरी देवी, कनोडिया कॉलेज की अध्यक्षा सुदेषना, घरेलू कामगार यूनियन की झूरमल अधिकारी, सचिवालय कर्मचारी यूनियन के षिव शंकर अग्रवाल, अधिकारी यूनियन के पूरन झरीवाल सभी ने अपनी बात रखी।
कार्यक्रम की शुरूआत राखी द्वारा राजस्थान व जयपुर जिला का घटता लिंगानुपात के डरावने आंकड़े से शुरू किया व चेताया कि हम बहुत ही जल्दी हरियाणा बन जायेगे इसे रोका नही । कार्यक्रम का संयोजन शबनम अजीज व निषा सिद्धू ने किया।
उमड़ते 100 करोड़ का कार्यक्रम राजस्थान में अजमेर शहर व अजमेर जिला (तिलोनिया, किशनगढ़), पाली, झालावाड़, प्रतापगढ़, राजसंमद के भीम व नाथद्वारा, उदयपुर, जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, जालौर, मकराना, नागौर, कोटा, दौसा, सवाई माधोपुर, बांरा, चित्तौडगढ, चूरू, अलवर, डूंगरपुर, टोंक, जयपुर इत्यादि 20 से ज्यादा जिलो में कार्यक्रम हुये। जगह-जगह रैली, प्रदर्षन, संगोष्ठी इत्यादि आयोजित की गई।
उमड़ते 100 करोड़ के जयपुर व राजस्थान कड़ी के कार्यक्रम को सिर्फ एक इवेन्ट के रूप में नहीं देखा जा रहा है बल्कि यह कार्यक्रम महिला हिंसा मुक्त समाज को बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में है। आगामी 8 मार्च 2013 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन हमारा अगला पड़ाव होगा।