पी.यू.सी.एल. की सीमा आजाद, डॉ. बिनायक सैन, प्रभाकर सिन्हा ने किया उद्घाटन।
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज, राजस्थान पहला युवा, लोकतंत्र एवं मानव अधिकार सम्मेलन का आयोजन आज कानोडिया कॉलेज में किया। इस सम्मेलन में इस सम्मेलन में 250 से अधिक नौजवान एवं छात्र/छात्रायें पहुंचे।सम्मेलन के मुख्य उद्देश्य रखते हुये पी.यू.सी.एल. के कार्यकर्ताओ ने कहा कि नौजवानों को मानवाधिकारों पर हो रहे हमलो और उनके लिए तैयार करना बहुत जरूरी हो गया है। उन्होंने पी.यू.सी.एल. संगठन के बारे में बताते हुये कहा कि राजस्थान पी.यू.सी.एल. तो नौजवानों का ही संगठन है इसलिए उसे और ताकतवर करना भी जरूरी है क्यों कि युवा ही आने वाले समय में कमजोर वर्गो के लिए न्याय की अगुवाई करेंगे।
सीमा आजाद |
इस सम्मेलन मे जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बिनायक सेन, ने कहा कि अगर कुपोषण और भूख के प्रश्नो पर नौजवान चेतेगे नही तो इस देश में हम एक बहुत बड़ी मानवता की त्रास्ती देखेगे। राष्ट्रीय पी.यू.सी.एल. अध्यक्ष प्रभाकर सिन्हा, ने मानवाधिकारो की सार्वभौमिकता का परिचय देते हुये कहा कि आज की स्थिति में जब भारत का संविधान आये दिन उल्लंघन किया जा रहा है उस संदर्भ में मानवाधिकारों का हनन होना ही है। इसलिए मानवाधिकार समुदाय को आंदोलन के रूप में खडा होना पडेगा तभी अलोकतांत्रिक तरिके से काम कर रही है सरकारों को जवाब देह बना सकेंगे । सत्र के मुख्यवक्ता लेखिका सीमा आजाद जिसको उत्तर प्रदेश की सरकार ने जेल के अंदर बंद कर दिया था एवं हाल ही में वे बेल लेकर निकली है ने कहा कि बोलने की आजादी के साथ कतई भी समझोता नहीं किया जा सकता। चाहे जेल भी जाना हो। उन्होंने नौजवानों को आव्हान किया कि वे समाज में कुछ कर दिखाये जिससे समाज में अन्याय खत्म हो।
पी.यू.सी.एल. के महासचिव वी.सुरेश ने कहा कि अगर तुम बदलना चाहते हो तो वो बदलाव तुम स्वमं बनो। मणीपुर से आये बबलू लॉयटोंग बाम ने कहा कि आज हम चुप है जब आर्मी मणीपुरी लोगों के मानवाधिकार उल्लंघन करती है लेकिन कल ये सब जब आफसपा जैसा कानून पूरे भारत में लागू होगा तब बहुत देर हो चुकी होगी। इसलिए ईरोम शर्मीला की आवाज पूरे देश को उठानी चाहिये।
इसी तरह अनेक सत्र नौजवानों ही संभाले एवं विकलांगता, महिला, साम्प्रदायिकता, जातिवाद एवं दलित अधिकार इत्यादि विषयों पर बात हुई। नौजवानों ने अनेक बीच में प्रश्नोउत्तरी रखी गई एवं नाट्य एवं फिल्म भी आयोजित कि गई।
भंवर
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