शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012

भूख और कुपोषण मुक्त राजस्थान के लिए खाद्य अधिकार यात्रा का जयपुर पड़ाव


भूख और कुपोषण मुक्त राजस्थान के लिए खाद्य अधिकार यात्रा का जयपुर पड़ाव में 
स्टेच्यू सर्किल पर जन सभा आयोजित की गई एवं राजमहल पैलेस तक रैली निकाली गई।

मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन मुख्य सचिव से भेंट कर दिया गया। 
राज्यपाल एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन को जिला प्रशासन ने प्राप्त किया।


आज राज्य के 38 से भी ज्यादा संगठनों ने मिलकर राज्य सरकार को ललकारा की ''ए.पी.एल. बी.पी.एल. खत्म करो, सबको सस्ता राशन, अनाज, दाल, तेल दो, वरना गद्दी छोड दो''।  यह नारे राज्य में चल रही पिछले हफ्तेभर से खाद्य सुरक्षा यात्रा के आगमन पर सभा में लगाये गये। 


”सबके लिए सस्ता अनाज, गोदामों के ताले खोलो एवं प्रभावी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून बनें“ को लेकर शुरू हुई राज्य स्तरिय यात्रा अलग-अलग इलाको से गुजर कर जयपुर पहुंची है। राजस्थान में यह यात्रा प्रदेश में बनी हुई चुप्पी को तोडने एवं जनता की न्यायपूर्ण मांगों के सर्मथन में निकाली जा रही है। खाद्य सुरक्षा यात्रा अभी तक दक्षिण राजस्थान के बांसवाडा, डूंगरपुर, उदयपुर, राजसमंद व आदिवासी बहुल्य सिरोही व बाली क्षेत्र से निकल कर जयपुर आई है। दूसरी तरफ दक्षिण राजस्थान से पाकिस्तान की सीमा से निकलकर बाडमेर, जोधपुर, ब्यावर, अजमेर होकर जयपुर पहुंची एवं उत्तरी राजस्थान हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, झूंझनू व सीकर के नीम का थाने के इलाके से होती हुई जयपुर पहुंची और अलवर से भी एक यात्रा जयपुर पहुंची। अभी तक इन यात्राओं में जन एवं नुक्कड सभाओं  के जरिये 10 हजार से ज्यादा लोगो से सम्पर्क हुआ है एवं हजारों लोगो के हस्ताक्षर इन मांगों  पर लिये गये है। 

कविता श्रीवास्तव 
पी यू सी एल की महासचिव कविता श्रीवास्तव  ने कहा कि दुनिया में हर पॉच मिनट में एक बच्चे की मौत होती हैं लेकिन दर्दनाक एवं शर्मनाक तो हमारे देश का आंकड़ा हैं जहॉ हर मिनट में तीन बच्चो की मौत हो जाती हैं, इस पर सब लोगो ने ‘‘मनमोहन सिंह शर्म करो, अशोक गहलोत शर्म करो,’’ के नारे लगाये। हमारे देश की आर्थिक वृद्धि की कहानी यही हैं कि भूख एवं कुपोषण घटा नही हैं। सरकार से पूछा कि क्या आप के लिए यह चिन्ता का विषय नही  हैं? सभी के  लिए तो यह इतना गम्भीर मुद्दा हैं कि सभी  प्रदेश और देश में अपना आन्दोलन और तीव्र करेंगे।

उच्चतम न्यायालय आयुक्त के सलाहकार अशोक खण्डेलवाल ने कहा राजस्थान के कोने-कोने से आवाज इस तरह उठ रही है कि सच्चाई यह है कि इस वक्त देश के एफ.सी.आई. गोदामों में 8 करोड टन से भी ज्यादा अनाज रखा हुआ है जो खरीफ की फसल के बाद दिसम्बर तक बढ़कर 10 करोड टन होने वाला है । वहीं दूसरी ओर बडे पैमाने में बच्चे, बूढे एवं वयस्क भूखे और कुपोषित है। क्यो ? इस अन्याय के होते देश की सरकारें, संसद, मीडीया एवं उच्च व मध्यम वर्ग के लोग मौन क्यो है? हर भूख और कुपोषित जीवन एवं अकाल मौतो के हम सब जिम्मेदार हैं। उन्होने आंकडो के जरिये दर्शाया कि प्रदेश में खाद्यान्न, दाल व तेल की बिल्कुल कमी नहीं है। जरूरत है राजनैतिक इच्छा शक्ति की ।

घरेलू कामगार यूनियन की रंजना ने कहा कि प्रवासी मजदूर चाहे राज्य के हो या बाहर के सभी को राशनकार्ड सबको मिलना चाहिए व सबको सस्ता अनाज, दाल, और खाने पकाने तेल दो। बिहारी, बंगाली के नाम पर सरकार व प्रशासन द्वारा की जा रही भेदभाव की निन्दा की। इसी तरह विश्वकर्मा निर्माण मजदूर यूनियन की तरफ से बुद्धिप्रकाश ने कहा कि अगर गुजरात राज्य मोबाईल राशन कार्ड वहां निर्माण मजदूरों को दे सकता है तो राजस्थान क्यों नही? आदिवासी विकास मंच के कालू जी ने कहा कि नरेगा में 100 दिन काम दो और पूरी मजदूरी का हक मत छिनो। आदिवासी इलाके में नरेगा का काम 200 दिन करो। चोहटन इलाके से आये ने जोर कि सभी एकल महिलायें, विकलांग व बुजुर्गो को बिना शर्त 2000 रूपय पेंशन दोे।  बच्चा पैदा होने के 6 माह तक मां को 2000 रूपये प्रतिमाह मातृत्व लाभ मिले। 

आस्था से आये श्याम जी ने उदयपुर के भूखमरी के इलाको में गोदाम न होने का जीक्र किया कि राजसंमद जिले में एक भी गोदाम नही है व मांग की हर तहसील में खाद्यान्न सुरक्षा हेतु गोदाम हो। न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ हर किसान के पास हो व न्यूनतम समर्थन मूल्य का जोड उसे बढ़ाया जाये। नीम का थाना से वीरचक्र जयराम ने कहा कि जल, जंगल, जमीन का पहला हक खाद्यान को लेकर हो ना कि बांध खनन व फैक्ट्रीयों का। भारत ज्ञान विज्ञान समिति से कोमल श्रीवास्तव ने कहा कि  जयपुर में बाढ पीड़ितों के घर व आजीविका का साधन तुरन्त उपलब्द्य कराया जाये। मुआवजा सहित प्रभावित लोगों को संबल दिया जाए। सभी को बीपीएल मानते हुए सस्ते खाद्यान्न की सुविधा दी जाए एवं जब तक वैकल्पिक घर की व्यवस्था लोगों के आजीविका साधनों को देखते हुए न बने तब तक आमानाशाह के नाले पर बसी बस्तियों को न उजाड़ा जाए, अदालतों को निर्णय जो भी हो। 

उपरोक्त सभी मांगों को प्रस्तावित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून में प्रभावी रूप से समाहित किया जाये, साथ ही कानून में स्वतंत्र शिकायत निवारण व्यवस्था जिला एवं राज्य स्तर पर कायम की जाये व अगर हक प्राप्त ना हो तो जुर्माना व दण्ड अधिकारियों पर हो। 

निर्माण मजदूर एवं जनरल यूनियन के हरकेश बुगालिया ने कहा कि  देश में बढती मंहगाई से खाद्यान की कीमतें बाजार में निरन्तर बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में डीजल एवं पेट्रोल की कीमतो में बेशुमार बढ़ोतरी से जीवन यापन की आधारभूत चीजों को प्राप्त करना अब आम व्यक्ति के लिए मुश्किल हो गया है। इससे शहर -गांव सभी जगह के गरीब, निम्न व मध्यम वर्ग पर रसोई व चूल्हे का संकट गहरा रहा है। 

एक रैली के रूप में राज्यपाल एवं प्रधानमंत्री को ज्ञापन देने स्टेच्यू सर्किल से सिविल लाईन फाटक की ओर प्रस्थान किया लेकिन स्थानिय पुलिस का बहुत बडी तादात में महिला पुलिस जरिये राजमहल पैलेस पर ही रैली को रोक दिया गया। जनता पुलिस के बीच में संघर्ष हुआ कि सिविल लाईंस फाटक तक उनको जाने दिया जाये लेकिन पुलिस के न मानने पर लोग सड़क पर ही बैठ गये और गीत-नारे लगाते रहे। कलेक्टर की तरफ से कार्यपालक मजिस्ट्रेट नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने ज्ञापन लिया।


दोपहर में 12.30 बजे मुख्य सचिव ने अशोक खण्डेलवाल के नेतृत्व में गया 15 सदस्यीय दल से भेंट की एवं मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन लिया साथ ही उन्होंने अभियान द्वारा उठाये गये मुद्दे जिससे राजस्थान को भूख व कुपोषण से मुक्ति दिलाई जा सकती है उस पर गौर किया एवं एक व्यवस्थीत बातचीत के लिए बुलाने के लिए वायदा किया। 

राजस्थान के पुलिस महानिदेशक का हिस्ट्रीशीटर के साथ रहना निन्दनीय


अनेक अखबारो में यह समाचार प्रकाषित हुआ है कि राजस्थान के पुलिस महानिदेशक अपनी निजी यात्रा के नाम पर कोटा, बूंदी में लगातार एक नामी हिस्ट्रशीटर के साथ रहे बहुत ही आश्चर्यजनक व हैरान करने वाला है। इससे आम जनता में पुलिस के प्रति रहा-सहा विश्वास भी समाप्त हो जायेगा। जब राज्य का सबसे बडा पुलिस अधिकारी अपराधियों की संगत में रहता हो तो कानून के पालन करने वाले नागरिक पुलिस से अपनी रक्षा की कोई उम्मीद नही कर सकते हैं। उनका यह कहना समाज के कार्यक्रम में निजी यात्रा पर गये थे कोई इससे उन्हें अपराधियों की संगत करने की छुट  नहीं मिलती शायद उन्होने  भी यह कहावत सुनी होगी कि ‘‘व्यक्ति का चरित्र उसकी संगत से ही जाना जाता है’’। लोगो में उनके इस कृत्य से क्या संदेश जायेगा यह स्पष्ट है। 

सरकार को भी इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिये और तत्काल उचित कार्यवाही करनी चाहिये ताकि लोगों में उसके प्रति विश्वास की बहाली हो सके। यह भी देखा गया कि उनके आगमन के सम्बन्ध में कई स्थानों पर हॉर्डिग्स भी लगाये गये थे ऐसा लगता था कि शायद वे भी राजनीति में अपने प्रवेश  की जमीन तैयार कर रहे है। बेहतर है कि वे स्वंय अपने पद से हट जाये। 


पप्पू 

Rajasthan Khady Yatra Jaipur Programme


PUCL State Level Meeting 22 23rd September, 2012


Floods in Jaipur August, 2012


Free cancer screening camp in Khejri Health Center, Jagatpura, Jaipur