रविवार, 2 जनवरी 2011

डॉ. बिनायक सेन की तत्काल रिहाई को लेकर जयपुर मे डॉ. इलिना सेन के साथ संवाद

डॉ. इलिना सेन 
आज दिनांक 2 जनवरी 2011 को डॉ. इलिना सेन (पत्नी डॉ. बिनायक सेन) ने जयपुर के नागरिको एंव मीडिया को संबोधित किया | उन्होंने कहा की डॉ. बिनायक सेन को राजद्रोह मे रायपुर की एक अदालत ने सश्रम आजीवन कारावास का दण्ड दे कर केवल डॉ. बिनायक सेन के साथ अन्याय नहीं किया है बल्कि भारत के संविधान मे दिए गए मोलिक अधिकार जिसमे जीने का अधिकार एंव अभिव्यक्ति की आज़ादी का हक़ से खिलवाड़ किया है | अगर डॉ. बिनायक सेन की रिहाई तत्काल नहीं होती तो दरसल यह जनता की हर होगी एंव कोरपोरेट सेन्यधारी सत्ता पे बेठे लोगो की जीत होगी | उन्होंने आव्हान किया की गली-गली एंव गाँवो से लोगो को इस अन्याय के विरोध मे आवाज उठानी चाहिये एंव लोकतंत्र को बचाना चाहिये |

जयपुर व् राजस्थान के अनेक वरिष्ठ व् प्रबुद्ध नागरिक डॉ. बिनायक सेन की रिहाई के लिए डॉ. इलिना सेन के साथ स्वर मिलाने आए थे | जिनमे से प्रमुख थे पी.यू.सी.एल. के अध्यक्ष प्रेम किशन शर्मा, पी.यू.सी.एल. की उपाध्यक्ष अरुणा रॉय, राजस्थान समग्र सेवा संघ के सवाई सिंह, जमाते ए स्लामी हिंद से सलीम इंजिनेयर, शिक्षाविद अनिल बोर्डिया एंव शारदा जैन, एपवा की राष्ट्रिय अध्यक्ष श्रीलता स्वामीनाथन, जयपुर के गणमान्य डॉ. मालती गुप्ता, डॉ. प्रदीप शर्मा, डॉ. मीता सिंह, डॉ. अलका राव एंव जनस्वास्थ्य अभियान के समन्वयक डॉ. नरेन्द्र गुप्ता, प्रो. हसन एंव दलित अधिकार केंद्र के सतीश कुमार उपस्थित थे |

डॉ. इलिना सेन ने बताया की डॉ. बिनायक सेन जिन्होंने अपने जीवन के 35 वर्ष गरीब आदिवासी को स्वास्थ्य सेवा पहुचाने का काम किया | उनको गरीबो के साथ काम करने की सजा इसलिए दी की क्योकि उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की गेर संवेधानिक "सलवा जुडूम"  निति को चुनोती दी थी | इस निति के तहत 600 गाँवो से आदिवासियो को बेदखल कर केम्पो मे धखेला एंव उनके खेत खलियान, घरो से दूर कर नरकिए जीवन जीने के लिए बाध्य किया | उन्होंने घोषित किए | सरकार ने जिन आदिवासियो को हथियार दे दिए वे खुलमखुल्ला लुट, हत्या, बलात्कार पे उतारू हो गए थे | डॉ. बिनायक सेन ने यही सब बाते 2005-2006 मे दुनिया को बताई | इसका बदला छत्तीसगढ़ सरकार ने उनको जेल मे 2007  मे बंद किया | एक पूर्णत: फर्जी मुकदमे के तहत |

उन्होंने कहा की रायपुर की अदालत ने राजद्रोह के मामले मे सर्वोच्चय न्यायालय द्वारा स्थापित विधिक सिधांत का उल्लंघन किया है कि सिर्फ सीधे तोर पर हिंसा भड़काने या सार्वजनिक अव्यवस्था फेलाने पर ही राजद्रोह का मामला बनता है |

आगे के कार्यक्रम कि घोषणा कि :
  • यह प्रस्ताव लिया गया कि राजस्थान की जनता डॉ. बिनायक सेन को शीघ्र सम्मानित करे |
  • राजद्रोह के कानून के विरुद्ध वे सभी विशेष कानून जैसे UAPA, छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम इत्यादि के रद्द करने की मांग को लेकर अभियान चलाना | 
  • डॉ. बिनायक सेन की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर 30 जनवरी "शहीद दिवस" पर जेल भरो अभियान |
  • वकीलों एंव डॉक्टरो व् अन्य प्रोफेशनल्स के समूह द्वारा अपने स्तर पर कार्यक्रम करना |
पी.यू.सी.एल. के पूर्व अध्यक्ष के.जी. कन्नाबिरान, समाजवादी नेता एंव पी.यू.सी.एल. के संस्थापको मे एक सुरेन्द्र मोहन, पी.यू.सी.एल. के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता एंव पूर्व आई.एस. अधिकारी एंव गाँधीवादी विचारक डॉ. लक्ष्मी चन्द जैन को श्रंधांजलि दी गई इन सभी की हाल ही मे मृतु हुई थी | सभी का मानना था कि लोकतंत्र के इन कठिन दिनों मे प्रस्थान खलेगा इन लोगो का |






भंवर लाल (पप्पू)

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