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अनिल ऐरन और इश्वर सिंह कैमरा मेन |
जैसा कि आप सभी को जानकारी होगी कि माउन्ट आबू के झुझारू पत्रकार पर माउन्ट आबू कि एस.डी.एम. टीना सोनी ने अपने पद कि शक्तियों का दुरूपयोग करते हुए श्री अनिल ऐरन पर व् उनके परिवार पर कई अत्याचार किए है | श्री अनिल ऐरन माउन्ट आबू से ७ टेलिविज़न चैनल के लिए खबरे जयपुर और देहली भेजते है | उनको माउन्ट आबू में एक तेज तर्रार पत्रकार के रूप में जाना जाता है | श्री अनिल ऐरन ने अपनी रिपोर्टिंग के जरिये उन्होंने माउन्ट आबू एस. डी. ओ.टीना सोनी (प्रोबेशनर, आई.एस.) कि कई अनियमितताए उजागर कि जिससे नाराज हो कर एस. डी.एम. टीना सोनी ने उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दायर करने, उनकी गलत गिरफ्तारी करने और उन्हें धारा १५१ सी.आर.पी.सी.के तहत हाई कोर्ट आदेशो के खिलाफ निजी मुचलके पर जमानत देने से रोकने जैसे जुर्म किए | अनिल ऐरन को ६ दिन जेल भेजा गया और ७ दिन हिरासत में रखा गया | ऐरन के भाई सुनील ऐरन और कैमरा में इश्वर को भी गलत मामले में फसा कर जेल भेजा गया | जब अनिल ऐरन जेल में थे तो ग्रामीण माउन्ट आबू में उनके एक पुराने मकान को एस. डी. एम..टीना सोनी ने बुलडोजर से ढहवा दिया | अनिल ऐरन पर अत्याचार में माउन्ट आबू कलेक्टर शिल्पा शिंदे और माउन्ट आबू एस.पी. हिंगलाज दानचरण कि भी मिली भगत थी |
श्री अनिल ऐरन ने अपनी रिपोर्टिंग के जरिये एस.डी.एम. टीना सोनी कि निम्न लिखित अनियमितताए उजागर कि थी जो इस प्रकार हाई -
- तस्दीक शुदा जमानत प्रस्तुत करने के बावजूद ५ दलितों को धारा १०७ सी.आर.पी.सी. के तहत जेल भेजना |
नक्की झील पर पर्यटकों के लिए फोटोग्राफी करने वाले वाल्मिकी समाज के ५ दलितों को एस.डी.एम. टीना सोनी ने धारा १०७ के तहत बुक कर १९ जुलाई को बुलाकर कहा कि उनके खिलाफ पर्यटकों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कि है | इन दलितों ने आरोप लगाया कि उन्हें जातिगत गाली दे कर एस.डी.एम. ने उनसे प्रति व्यक्ति २०,०००/- रुपये का मुचलका देने को कहा है | उनके तस्दीक शुदा जमाना प्रस्तुत करने के बावजूद उन्हें जेल भेज कर वंहा ५ दिन रखा गया | इन दलितों ने एस..डी.एम. टीना सोनी के खिलाफ सी.आर.पी.सी. कि धारा १५६ (3) के तहत माउन्ट आबू कि प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट कि अदालत में मुकदमा दर्ज किया है और माउन्ट आबू थाने में अफ.आई.आर. नम्बर २७/१० लिखवाया है | श्री अनिल ऐरन ने इस मामले कि रिपोर्टिंग कई टी.वी. चेनलो में कि जिससे एस.डी.एम. सोनी नाराज हो गई |
- स्वतंत्रता दिवस से सम्बंधित सरकारी परिपत्र में एस.डी.एम. टीना सोनी द्वारा छेड़-छाड़ :-
माउन्ट आबू कि एस.डी.एम. टीना सोनी ने २७ जुलाई को क्रमांक सामान्य/२०१०/३९५ परिपत्र जारी कर स्वतंत्रता दिवस १५ अगस्त २०१० के अवसर पर सभी नागरिको और अधिकारिओ की नियमित बैठक बुलाई थी | जिसमे उन्होंने स्वतंत्रता दिवस को गणतंत्र दिवस लिख दिया था | जब पत्रकार ने उनकी गलती उजागर की तो एस.डी.एम. टीना सोनी ने उपरोक्त पत्र में ही छेड़ छाड़ करके उसे ३ अगस्त को पुनः उसी क्रमांक से जारी कर दिया | कायदे से उन्हें दुसरे पत्र के जरिये भूल सुधार जारी करना चाहिए था | अनिल ऐरन ने अपनी रिपोर्टिंग के जरिये उजागर किया |
- नगर निगम आयुक्त के रूप में फर्जी व्यक्ति को पद ग्रहण करवाना जब की राजस्थान सरकार ने किसी अन्य अधिकारी की इस पद पर नियुक्ति का आदेश दिया था :-
इस वर्ष जुलाई में माउन्ट आबू नगर निगम आयुक्त महेंद्र सिंह टेलर के छुटी जाने पर राजस्थान सरकार के स्थानीय स्वायत शासन विभाग ने ३० जुलाई २०१० को आदेश जारी कर आबू रोड के यू.आई.टी.सचिव श्री राजस्व इंस्पेक्टर श्री लाल सिंह राणावत को नगर पालिका आयुक्त के रूप में पद ग्रहण करा दिया | इस धांधली की खबर कई अखबारों में आई | इस अवधि में एस.डी.एम. टीना सोनी ने श्री राणावत से ४० लाख रुपये के चेक और नगर पालिका द्वारा इस दौरान जारी कई अन्य महत्वपूर्ण आदेश हस्ताक्षरित करा लिए | अनिल ऐरन ने टी.वी. पर इस साडी धांधली का पर्दाफाश किया और ६ अगस्त को सम्भागिय आयुक्त श्री सुरदर्शन सेठी ने इस दौरान एस.डी.एम. सोनी द्वारा श्री राणावत के जरिये मुठी भर लोगो के हित में पारित कराये गए निर्माण प्रस्ताव नामंजूर कर दिए | इस वजह से एस.डी.एम. टीना सोनी सरही अनिल ऐरन पर कुपित है |
- माउन्ट आबू की एस.डी.एम. टीना सोनी द्वारा प्रशासनिक शक्तिओ का दुरूपयोग करके प्रेस की स्वतंत्रता पर आघात और श्री अनिल ऐरन उनके भाई श्री सुनील ऐरन तथा कैमरा में श्री इश्वर की नागरिक स्वतंत्रताओ का हनन :-
श्री अनिल ऐरन कि रिपोर्टिंग से कुपित एस.डी.एम. टीना सोनी ने गृह मरम्मत के सही कागजात होते हुए भी श्री अनिल ऐरन का घर ढहाने के लिए एस.डी.एम. सोनी ने ५ अगस्त को ४० पुलिस कर्मियों के साथ एक बुलडोजर भेजा | जब जे.सी.बी. मशीन वाले ने कागजात देखकर घर तोड़ने से मना कर दिया तो उसे भी श्री अनिल ऐरन के भाई सुनील ऐरन के साथ धारा १५१ सी.आर.पी.सी. के तहत बुक कर दिया गया | घर तोड़ने के प्रयासों के खिलाफ श्री अनिल ऐरन द्वारा अर्जी लगाने पर माउन्ट आबू के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के कोर्ट ने अनिल ऐरन के गृह परिषर में न्याय पालिका के या किसी अन्य सरकारी अधिकारी के प्रवेश पर रोक लगा दी | माउन्ट आबू नगर पालिका कि अध्यक्ष लीला देवी ने आदेश जारी कर अपने अगले आदेश तक अपील दायर करने पर रोक लगा दी | माउन्ट आबू नगर पालिका की अध्यक्ष लीला देवी ने आदेश जारी कर अपने अगले आदेश तक अपील दायर करने पर रोक लगा दी | लेकिन मूल नगर पालिका आयुक्त महेंद्र सिंह द्वारा २३ अगस्त को पद ग्रहण कर लेने के बावजूद एस.डी.एम. टीना सोनी ने नगर पालिका के सहायक अधिक्षक मोती राम को फर्जी नगर पालिका आयुक्त बना कर माउन्ट आबू कि ऐ.डी.जे. अदालत में पेश कर दिया और श्री मोती राम से झूठा शपथ पत्र भी डलवा दिया | लेकिन १३ सितम्बर को ऐ.डी.जे. अदालत ने सुनवाई कि अगली तारीख तक प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट का आदेश ही बरक़रार रखा | लेकिन एस.डी.एम. टीना सोनी ने १५ सितम्बर को फिर कुछ अधिकारी अनिल ऐरन के घर भेजे और जब अनिल ऐरन के भाई सुनील ऐरन ने एस.डी..एम. सोनी से मुलाकात कर उन्हें ऐ.डी.जे. अदालत का आदेश दिखाया तो एस.डी.एम. सोनी ने उसे फाड़ दिया |
सुनील ऐरन के विरोध करने पर एस.डी.एम. सोनी और उनके पति एव परिबिक्षाधीन आई.पी.एस. अधिकारी सत्येन्द्र गुप्ता, जो उड़ीसा में कार्यरत है, ने चप्पलो एव डंडो से श्री सुनील एरें को पिटा | घायल सुनील ऐरन को ७ टांके लगे | उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे अनिल ऐरन को भी गिरफ्तार कर लिया गया | तेज ब्लेड शुगर वाले श्री अनिल ऐरन को जेल के बदले आबू रोड अस्पताल भेजने के कारण माउन्ट आबू के थाना प्रभारी को भी क्रुद्ध एस.डी.एम. सोनी ने लाइन हाजिर कर दिया |
जब धारा १५१ सी.आर.पी.सी. के तहत गिरफ्तार सुनील ऐरन और अनिल ऐरन के कैमरा में इश्वर सिंह को तहसीलदार के समक्ष पेश किया गया तो तहसीलदार ने उनसे ३-३ लाख रुपये कि तस्दीक शुदा जमानत मांगी | जब दोनों ने इससे कई गुणा ज्यादा कि जमानत प्रस्तुत की तो भी तहसीलदार ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए १६ सितम्बर को जेल भेज दिया और अगले ३ दिन अदालत बंद होने के कारण वे २० सितम्बर तक कोई अर्जी नहीं डाल सकते थे | हेरत की बात है की कलेक्टर शिल्पा शिंदे ने भी उस दिन सभी तहसीलदारों को आदेश दिया की १६ सितम्बर को किसी को तस्दीक शुदा जमानत न दी जाए | जो राजस्थान हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ हाई | १७ सितम्बर को जब अनिल ऐरन आबू रोड के सरकारी अस्पताल में थे तो एस.डी.एम. टीना सोनी ने डाक्टरों पर दबाव डाला की वे अनिल ऐरन का ब्लेड शुगर इतना ऊँचा न दिखाए ताकि उन्हें जेल भेजा जा सके | इनकार करने पर एस.डी.एम. सोनी ने डाक्टरों को भी परेशान किया | सांय ६.१५ बजे बंद होने वाली जेल रात्रि १०.२० बजे खुलवा कर एस.डी.एम. सोनी ने अनिल को जेल भेजा | यह जेल रिकॉर्ड में दर्ज है |
२१ अगस्त को तहसीलदार ने ऐरन बंधुओ को और कैमरा में इश्वर सिंह को जमानत दे दी | चूँकि इन लोगो के खिलाफ एस.डी.एम. टीना सोनी ने भ.द.स. की धारा ३०७ के तहत भी मामला दर्ज कर रखा है | इसलिए उन्हें अन्त्रिम जमानत दी गई और २५ सितम्बर को अतिरिक्त जिला जज ने अन्त्रिम जमानत ख़ारिज कर दी और अब अनिल ऐरन राहत के लिए उच्चतम न्यायलय जा रहे है |
दिनाक २७.०९.२०१० को पी.यू.सी.एल. का दल मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निवास स्थान पर ज्ञापन देने गए, जिसमे अनिल ऐरन, पी.यू.सी.एल. राजस्थान की महासचिव कविता श्रीवास्तव, हेरल्ड सिंह, निशा सिधु, हेमंत सिंह एव अन्य साथी गए थे | मुख्यमंत्री साहब ने कहा की वो आई.जी. लेवल पर जाँच करवाएंगे |
उपरोक्त प्रकरणों और तथ्यों के मध्य नजर पर मुख्यमंत्री से पी.यू.सी.एल. ने मांग रखी है -
- श्री अनिल ऐरन के खिलाफ दर्ज किया गए सभी अपराधिक मामलो की सी.आई.डी./सी.बी. में हस्तांतरित किए गए एव निष्पक्ष एव सही जाँच एक उच्च पुलिस अधिकारी से करवाई जाए |
- माउन्ट आबू की एस.डी.एम. टीना सोनी के सभी कारनामो व् धांधलियो की जाँच न्यायिक अधिकारी से करवाई जाए | क्यूकी इस जाँच में सिरोही एस.पी. एव कलेक्टर की भूमिका की भी जाँच की जाएगी |
- एस.डी.एम. टीना सोनी को निलम्बित किया जाए एव माउन्ट आबू से तुरन्त हटाया जाए |
- टीना सोनी अभी भारतीय प्रशासनिक सेवा की प्रोबेशनर है उन्हें इन सेवाओ में अनुमोदन न की जाए जिसकी सिफारिश आपके द्वारा केंद्रिया सरकार को तत्काल भेजी जाए |
भंवर लाल कुमावत (पप्पू)