मौसम
के बदलाव के कारण बेघर
लोगों पर बिमारी की
मार पड़ी ऐसी कि दस्त, पेट
दर्द, फोडे-फुंसी, खांसी, जुखाम, बुखार, कमजोरी, दाद, खुजली के ज्यादा मरीज
सामने आ रहे है।
सेन्टर
फाॅर इक्विटी स्टडीज के माध्यम से
चलाया जा रहा ‘‘हाॅमलेस
स्ट्रीट मेडिसीन कार्यक्रम’’
के दौरान पता लगा कि मौसम के
बदलते ही बेघर की
की झुग्गीयों में बिमारिया दस्तक दे रही है,
सबसे ज्यादा खांसी, जुखाम, बुखार, फोडे-फुंसी की समस्यायें लेकर
सामने आ रही है।
बारिश आने के साथ ही
बदलते मौसम में बीमारियों का प्रकोप अधिक
बढ़ जाता है। बेघर लोगों के बीच दिसम्बर
2016 से 16 अगस्त 2017 तक कुल 3604 बेघर
लोगों को धर्मकांटा-रावण
गेट, 200 फिट बाई पास, कावेरी पथ, वी.टी. रोड़
मानसरोवर, विध्याधर नगर, जे.एल.एन.
मार्ग, एम.आई. रोड़
व खासा कोठी पुलिया के नीचे बीमार
लोगों को लाभ पहुंचाया
है।
इस मौसम मे
यह मौसमी बिमारीया के ज्यादा लोग
है। बेघर लोग अस्पतालों मे जाते है
तो उनका नम्बर ही नहीं आ
पाता है और उन्हें
कोई इज्जत नहीं दि जाती है।
मौसम मे होने वाले
बदलाव के साथ ही
कमजोरी होने के कारण बच्चे
बीमारियों से अधिक पीडि़त
होते है। बच्चों को ठीक से
पोषण नहीं मिल पाता है। वे कई बार
ये बीमारियां अन्धरूनी अंगों को भी प्रभावित
कर देती है, ऐसे में सावधानी ही इनका सबसे
बड़ा उपचार होता है। इनके लिए प्रशासन द्वारा न पीने के
पानी की व्यवस्था और
ना ही शौच के
लिए शौचालयों की व्यवस्था की
है। यह लोग खुल्ले
में शौच करने को मजबूर है।
बेघर
लोगों की झुग्गीयों में
आस पास गन्दगी का जमा होने
के कारण मच्छरों द्वारा काटे जाने पर बच्चों को
फोडे-फुंसी, बुखार का आना बहुत
ज्यादा परेशानी सामने आ रही है।
क्योंकि मच्छर ही बारिश की गन्दगी
के कारण गन्दे पानी पनपते है।
भँवर
लाल कुमावत (पप्पू )
19.8.2017