पिया और माँ ओमवती |
पिया चौधरी उम्र ७ साल द टेंगोर स्कूल (सी. बी. एस. सम्बद्ध) मंडवा रोड सीतसर, झुंझुनू में अध्यनरत है | दिनांक ३-०७-२०१० को पिया का गणित विषय का गृहकार्य पूरा न होने के कारण अध्यापिका प्रतिभा सिंह पत्नी सतवीर सिंह, गाँव बुढाना, ने पहले कॉपी से व् बाद में थप्पड़ो से पिटाई कि जिसके कारण कॉपी के कोने से आँख में चोट लगने के कारण पिया कि आँख कि रोशनी पूरी तरह से चली गई |
बच्ची के पिताजी श्री वीरेन्द्र चौधरी थल सेना में रांची, झारखण्ड में कार्यरत है तथा माता श्रीमती ओमवती उर्फ सोनू जयपुर में कार्यरत है | पिया अपने नाना-नानी के साथ झुंझुनू कसबे के गाँव भालोठिया कि ढाणी में रहती है | वँही विद्यालय कि ही बस से पिया स्कूल जाती है | दिनांक ३.०७.२०१० का बच्ची का गृहकार्य पूरा न होने के कारण कोपी से मारा | बच्ची तथा कक्षा के अन्य बच्चो के बताये अनुसार सुबह दुसरे कालांश में ही बच्ची को चोट लग चुकी थी | चोट लगने के कारण बच्ची कि आँख से पानी गिर रहा था व् खून इकठ्ठा हो गया | चोट लगने के बाद भी विद्यालय के शिक्षको व् एडमिनिस्ट्रेशन के द्वारा कोई सुरक्षात्मक उपाय नही किए | शाम को घर जाने के बाद बच्ची कि स्थिति को देखकर उसके ताउजी ने दिनांक ४.०७.२०१० डॉ. नगेन्द्र सिंह को दिखाया | उन्होंने तीन दिन कि दवा देकर वापस दिखाने के लिए कहा | दिनांक ५.०७.२०१० कि स्थिति में सुधर न होने के कारण दिनांक ६.०७.२०१० को महादेव नेत्र सिंधी अस्पताल में डॉ पी. के. सहगल को दिखाया | उन्होंने मामले को गंभीरता से देखते हुए तुरंत ऑपरेशन करने को कहा | दिनांक ६.०७.२०१० को बच्ची का आँख का ऑपेरशन कर दिया व् शाम को छुटी दे दी | दिनांक ७.७.२०१० को डॉ सहगल ने बताया कि बच्ची कि आँख कि रोशनी ९८ प्रतिशत जा चुकी है | आप यदि चाहे तो २ प्रतिशत किसी बड़े अस्पताल में दिखा सकते है | डाक्टर के ऐसा कहने के बाद बच्ची कि माँ ने सदर थाना झुंझुनू में इसकी रिपोर्ट लिखवाने के लिए बच्ची को लेकर गई|
थाने में पहले तो रिपोर्ट दर्ज नहीं कि गई व् समझोता करने के लिए बच्ची कि माँ पर दबाव डाला गया | थाने से विद्यालय के लोगो को बुलाया गया | वे बच्ची कि माँ के साथ समझोता करने के लिए व् केस न करने के लिए दबाव डालने लगे | बच्ची कि माँ ने समझोता करने से मन कर दिया व् एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिए कहा | तब जाकर पुलिस ने भगवानदास खेतान अस्पताल, झुंझुनू में बच्ची का मेडिकल करवाया | बच्ची कि माँ को एफ.आई.आर. कि कॉपी भी नहीं दी गई | मेडिकल रिपोर्ट में भगवनदास खेतान अस्पताल से बच्ची को जयपुर रेफर कर दिया| थाने में बच्ची कि माँ को कहा गया कि थाने का कोई भी व्यक्ति आपके साथ जाएगा तभी आप जा सकती है | बच्ची कि स्थिति गंभीर होने के कारण बच्ची कि माँ ने जल्दी करने को कहा तो थाने से यह कहा गया कि आपको ज्यादा जल्दी है तो आप अकेले ही चली जाओ | बच्ची कि हालत देखकर बच्ची कि माँ उसे जयपुर ले आई | दिनांक ८.०७.२०१० को सुबह जयपुर पहुची व् डॉ विशाल अग्रवाल को दिखाया उन्होंने बताया कि बच्ची कि आँख कि रोशनी पूरी तरह जा चुकी है | आप बच्ची को दिल्ली एम्स में या फिर पी.जी.आई. हॉस्पिटल में दिखा सकते है | बच्ची कि माँ ने लिखित में देने के लिए कहा लेकिन एम्.एल.सी. रिपोर्ट होने के कारण इ पुलिस साथ में न होने के कारण उन्होंने लिखित में देने से मन कर दिया |
दिनांक ८.०७.२०१० को बच्ची को आर.आर. आर्मी हॉस्पिटल, दिल्ली में दिखाया गया | वंहा के डॉक्टर ने बताया कि बच्ची कि आँख में विट्रस हेमरेज हो गया है | जिसके कारण आँख कि रोशनी जा चुकी है | इसी दोरान बच्ची कि माँ बच्ची को दिनांक १०.०७.२०१० को पी.जी.आई. हॉस्पिटल चंडीगढ ले गई | दिनांक १०.०७.२०१० से १२.०७.२०१० तक सभी प्रकार कि जाँच के बाद वंहा के एच.ओ.डी. डॉ एम्. आर. डोगरा ने बताया कि बच्ची कि आँख कि रोशनी पुर्णत: जा चुकी है वह वापस भी नहीं आ सकती और न ही डोनेट कि गई आँख बच्ची को लगे जा सकती है | इसी दोरान विद्यालय के अडमिनीस्ट्रेर व् प्रिंसिपल के फ़ोन आते रहे तथा समझोते के लिए दबाव डाला जाता रहा तथा बराबर धमकिया भी दी गई |
मामले में पुलिस द्वारा धरा ३२३, ३४१ व् ३२५ लगाकर बयां दर्ज करके कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया | आगे की कार्यवाई कोर्ट द्वारा किए जाने की बात कहकर पुलिस मामले के बारे में बात भी करना नहीं चाहती है | इस मामले में बच्ची की माँ एस.पी. व् जिला कलेक्टर, झुंझुनू, आई. जी. से भी मिली परन्तु उन्होंने केवल उचित कार्यवाई का आश्वासन दिया परन्तु कार्यवाई की नहीं की |
जिला शिक्षा अधिकारी व् जिला प्रशासन ने सब कुछ अपनी जानकारी में होते हुए भी कोई प्रशासनिक कार्यवाई नहीं की है जबकि जे जे एक्ट की धारा २३ तथा शिक्षा के अधिकार की धारा १७ के अंतगर्त इस मामले में तत्काल कार्यवाई की जानी अपेभित थी | स्कूल प्रशासन द्वारा भी मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है | बच्ची की माँ न्याय के लिए प्रयास कर रही है
हम चाहूँगा की सभी विद्यालयों में इस प्रकार की मारपीट की घटनाये होती है उन्हें बंद किया जाना चाहिए जिससे भविष्य में बच्चो के साथ ऐसी घटनाये दोबारा नहीं हो और कभी किसी पिया इस तरह अपनी आँख न खोनी पड़े |
भंवर लाल कुमावत (पप्पू)